इन्टरनेट का सफर, 1970 के दशक में, विन्ट सर्फ़ (Vint Cerf) और बाब काहन (Bob Konh) के द्वारा शुरू किया गया| उन्होंने एक ऐसे तरीके का अविष्कार किया, जिसके द्वारा कंप्यूटर पर किसी सुचना को छोटे-छोटे पैकेट में तोडा जा सकता था और दुसरे कंप्यूटर में इस प्रकार से भेजा जा सकता था की वे पैकेट दुसरे कंप्यूटर पर पहुँच कर पुन: उस सुचना की प्रतिलिपि बना सकें| अर्थार्त कंप्यूटर के बीच सवांद करने का तरीका निकाला| इस तरीके को ट्रांसमिशन कण्ट्रोल प्रोटोकॉल (Transmission Control Protocol-TCP) कहा गया|
सुचना का इस तरह से आदान-प्रदान करना तब भी दुहराया जा सकता है, जब किसी भी नेटवर्क में दो से अधिक कंप्यूटर हों| क्योंकि किसी भी नेटवर्क में हर कंप्यूटर का खास पता होता है| इस पते को इन्टरनेट प्रोटोकॉल एड्रेस (Internet Protocol Address-IP Address) कहा जाता है| इन्टरनेट प्रोटोकॉल पता वास्तव में कुछ नंबर होते है जो एक दुसरे से एक बिंदु के द्वारा अलग-अलग किये गए है| जैसे- 192.168.1.100|
सुचना को जब छोटे-छोटे पैकेट्स में तोड़ कर दुसरे कंप्यूटर में भेजा जाता है तो यह पैकेट एक तरह से एक चिठ्ठी होती है, जिसमे भेजने वाले कंप्यूटर का पता और पाने वाले कंप्यूटर का पता लिखा होता है| जब यह पैकेट किसी भी नेटवर्क कंप्यूटर के पास पहुंचता है तो कंप्यूटर देखता है की वह पैकेट उसके लिए भेजा गया है या नहीं| यदि वह पैकेट उसके लिए नहीं भेजा गया है तो वह उसे आगे उस दिशा में बढ़ा देता है जिसे दिशा में वह कंप्यूटर है जिसके लिए वह पैकेट भेजा गया है| इस तरह से पैकेट को एक जगह से दूसरी जगह भेजने को इन्टरनेट प्रोटोकॉल (Internet Protocol-IP) कहा जाता है|
अक्सर कार्यालयों या घरों के सारें कंप्यूटर आपस में एक दुसरे से जुड़ें रहते है और वे एक दुसरे से सवांद कर सकते है| इसको Local Area Network-LAN कहते है| लैन में जुड़ा कोई कंप्यूटर या कोई अकेला कंप्यूटर, दुसरे कंप्यूटर के साथ टेलीफोन लाइन या सेटेलाइट से जुड़ा रहता है| अर्थात, दुनिया भर के कंप्यूटर एक दुसरे से जुड़ें है| इन्टरनेट, दुनिया भर के कंप्यूटर का ऐसा नेटवर्क है जो एक दुसरे से सवांद कर सकता है|
इन्टरनेट- क्रांति
आज इन्टरनेट हर जगह प्रयोग हो रहा है, विगत कई वर्षों में लोग इससे इस तरह जुड़ गए है की आने वाले समय में बिना इन्टरनेट के किसी भी तकनीक की कल्पना करना संभव नहीं होगा| आज कोई भी क्षेत्र इन्टरनेट से अछुता नहीं है, आज भारत में इन्टरनेट की वजह से ई-गवर्नेस का लाभ गावों एवं पंचायतों को मिल रहा है| इस तरह से अनेकों लाभ आज हमें मिल रहे है|
इन्टरनेट कनेक्शन के प्रकार-
इन्टरनेट के फायदें:-
आज आप मिनटों में इन्टरनेट पर गूगल की सहायता से कोई भी जानकारी प्राप्त कर सकते है, अगर आ स्टूडेंट है, तो आपके विषय से जुड़ीं बहुत जानकारियाँ इन्टरनेट पर उपलब्ध है| यदि आप कॉम्पटेटीप एग्जाम की तैयारी कर रहे है, तो इन्टरनेट से आपको बहुत मदद मिलती है| आप घर बैठे यूट्यूब पर विडियो देखर कुछ भी बनाना सीख सकते है| यदि आप कहीं घुमने जाना चाहते है, तो आप गूगल मैप देखकर वहाँ की सारी जानकारी जैसे- मौसम के बारें में और वहाँ के घुमने लायक जगहों की जाकारी प्राप्त कर सकते है| महिलाएं घर बैठें ही रेसिपी सीख सकती है| यदि आप बोर हो रहे हो तो इन्टरनेट के मदद से आप गाना, फिल्म या गेम डाउनलोड कर सकते है|
इन्टरनेट के नुकसान-
इन्टनेट, दुनिया में इसका दुरूपयोग भी किया जा रहा है, कुछ लोग इन्टरनेट पर सोशल नेटवर्किंग साइट्स के आदि हो जाते है, और रात-रात भर जागकर चैटिंग इत्यादि करते रहते है, इससे उनके स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ता है| गलत तरीकें से इन्टरनेट का इस्तेमाल करने से आपके कंप्यूटर में वायरस आ सकता है, और आपके कीमती कंप्यूटर को नुकसान पहुँचा सकता है| ऑनलाइन बैंकिंग, सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर आपकी पर्सनल जानकारियाँ जैसे- नाम, पता, फोटो और मोबाइल नंबर होते है, आपकी एक छोटी सी लापरवाही से हैकर्स इस जानकारी को चुराकर आपको आर्थिक और मानसिक रूप में क्षति पहुँचा सकते है|
प्रोनोग्राफी आज के समय में इन्टरनेट का सबसे बड़ा जहर है| जिसमें के लोग समाते चले जा रहे है| इस तरह के साइट्स पर ढेरों अश्लील सामग्री परोसी जाती है, जिसे देखर लोग बर्बादी की तरफ अग्रसर हो रहे है| ये हमारे समाज में जहर की तरह घुल रहा है| बच्चे इसको देखकर बर्बाद हो रहे है| इसे रोकने के लिए सख्त नियम बनने चाहिए|
जिस प्रकार सागर मंथन से विष और अमृत दोनों निकले थे, ठीक उसी प्रकार इन्टरनेट पर भी ए दोनों ही है, अब ये उपयोगकर्ता पर निर्भर करता है की वह क्या लेता है- विष या अमृत| इन्टरनेट से अगर आप बन सकते है तो बिगड़ भी सकते है| इन्टरनेट का सही प्रयोग हमारे और हमारे देश दोनों के लिए अच्छा है|
वेबसाइट या साईट बहुत सरे वेब पेज का संग्रह है| वेब साईट वेब सर्वर पर एक खास नाम के साथ स्टोर किया होता है, जिसे इन्टरनेट के जरिये Client Computer पर खोला जाता है|
जैसे-
वेब ब्राउज़र एक कंप्यूटर प्रोग्राम होता है, जिसका प्रयोग Client Computer के द्वारा वेब पेज को खोलने के लिए किया जाता है|
जैसे-
सर्च इंजन का मतलब खोज यंत्र है, जो लिखे शब्दों से सम्बंधित वेबसाइट्स के पते लाकर देता है| सर्च इंजन से वेबसाइट्स के पते याद नहीं रखने पड़ते और जब चाहे जानकारी मिल जाती है|
कुछ प्रसिद्ध सर्च इंजन-
वर्ल्ड वाइड वेब (World Wide Web-www)- एक प्रकार का डेटाबेस है, जिसकी सहायता से इन्टरनेट पर सूचनाएँ प्राप्त की जाती है| इसमें सूचनाओं को अलग-अलग शीर्षक और उप-शीर्षक में रखा जाता है| हाइपर टेक्स्ट या लिंक (Hyper text or link) द्वारा एक सुचना को दूसरी सुचना से जोड़ा भी जा सकता है||
URL, वह वेब पता है जिसे आप किसी वेबसाइट तक पहुचनें के लिए वेब ब्राउज़र पर लिखते है| पर्तेक वेबसाइट का एक URL होता ही, उदाहरण के लिए- URL www.softguruweb.com आपको softguruweb की वेबसाइट पर ले जायेगा|
IP पता संख्याओं की एक श्रंखला है, जो आपके कंप्यूटर को यह बताती है की जो जानकारी आप खोज रहे है, वह कहाँ मिलेगी| IP पता एक फ़ोन नंबर की तरह होता है| एक बहुत लम्बा, जटिल फ़ोन नंबर के जैसा| चूंकि IP पते बहुत जटिल और याद रखने में कठिन थे, इसलिए URL बनाए गए| softguruweb की वेबसाइट में जाने के लिए IP पता 103.209.146.7 लिखने के बजाए, आपको बस URL- www.softguruweb.com लिखना है|
मॉडेम एक कंप्यूटर हार्डवेयर है, जो कंप्यूटर के डिजिटल संकेतों को एनालॉग संकेतों में बदलकर नेटवर्क पर भेजता है और आने वाली एनालॉग संकेतों को डिजिटल संकेतों में बदलकर उसे कंप्यूटर के प्रयोग योग्य बनाता है| इसे कंप्यूटर के सिस्टम यूनिट के कम्युनिकेशन प्रोत से जोड़ा जाता है|
डोमेन नेम सिस्टम अनिवार्य रूप से वेब के लिए फ़ोन बुक है| DNS आपके द्वारा दिए गए URL को IP पते में रूपांतरित कर देता है, जिससे आप उस साईट पर पहुँच जाते है, जिसे आप खोज रहे है|
वेब लिंक वेब पेज पर हाइपर टेक्स्ट को बनाने या देखने के लिए प्रयोग किये जाते है|
HTML- HyperText Markup Language का संक्षिप्त रूप है| यह वेब पृष्ठों के लिए एक प्रमुख मार्कअप भाषा है| यह किसी वेब पेज में टेक्स्ट आधारित जानकारी की सरंचना की निर्धारित करने का साधन है| इसके लिए यह टेक्स्ट विशेष को लिंक, हैडिंग, पैराग्राफ, सूची आदि के रूप में नोट करती है तथा इसमें इंटरैक्टिव फॉर्म, चित्र तथा अन्य ऑब्जेक्ट जोडती है| HTML टैग्स के रूप में लिखी जाती है, जो की एंगल ब्रैकेट (<) तथा (>) के द्वारा घिरी होती है|